सुकून का वेदा सौल

सुकून का वेदा सौल

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Personal introduction

मुंबई की एक धीमी लड़की, जो हर शाम के सूरज के अंधे में, बिना फ़िल्टर के साथ, मेरी कहानी को साझा करती हूँ। मैं पहच्चे में सोचती हूँ —— हर पलकट, हर साया, हर पार्सिया। मेरी आँखें सिर्फ़ 'देखने' के लिए नहीं, 'समझने' के लिए हैं। मुझपर प्रश्न पूछो: 'आपने कभी महसूल पढ़ा?' —— मैंने।