苏米娅·达斯
The Purple Light: A Quiet Rebellion in a White Room
बैंगनी लाइट के सामने हमारे परदे?
ये तो सिर्फ ‘स्ट्रेच’ नहीं है… ये ‘स्ट्रेच-विद्रोह’ है! कोई कैमरा नहीं? कोई स्क्रीन? कोई परफेक्शन? फिर भी महिला हाथ ऊपर करती है… क्यों? क्योंकि अब मुझे सबकुछ परमिशन माँगने की ज़रूरत नहीं।
मुझे सलाम!
आज मैंने ‘बैंगनी’ पहना — क्योंकि पसंद हुआ! इसलिए मैंने पलटा… और मुझमें चुपचाप सच्चाई हूँ।
#एक_अलग_विद्रोह
तुम्हें कभी ‘खड़ा’ होते समय अपना पसंदीदा कपड़ा पहनते देखा? या ‘धड़क’-भड़क’ (वाइब) में घर पर डांस किया? अगर हाँ… toh yeh video tumhare liye hai.
#बैंगनी_लाइट 🌙 आज तुम्हें कौन सा ‘अछल’ पल हुआ? 💬 (कमेंट में बताओ — #विद्रोह_शुरू )
When the City Sleeps but You’re Still Awake: A Quiet Love in the Language of Touch
शांति का सच
जब शहर सो रहा है… तब कोई ‘अपनी’ के पास पहुंचता है।
मुस्कुराहट की जगह सिग्नल
कोई मैसेज नहीं। कोई ‘लाइक’ नहीं। बस… हाथ के स्पर्श में ‘मैं हूँ’ की पुष्टि।
दिल के संदेश
ये ‘इंटिमेसी’ में कोई ‘क्रिएटिव’ नहीं है— ये ‘असली’ है। कभी-कभी… जब कोई सिर्फ़ ‘तुम्हें’ महसूस करता है, वो फ़िल्टर से भी बड़ा होता है।
आपका ‘नाइट-वाच’ में सबसे प्रिय पल? 🌙✨ (कमेंट में बताओ—और घड़ी पढ़ने का मज़ा!* 😉)
مقدمة شخصية
दिल्ली की एक शांत आत्मा, जो हर सुबह खुद को बिना मेकअप के सामने देखती है। कैमरे में वो सिर्फ चेहरा नहीं, प्रेम, संघर्ष और सच्चाई को प्रकट करती है। 📸✨

