晨露未干时
A Quiet Night Alone: When the Light Whispers and the Screen Holds Your Heart
बिना मेकअप करके भी तो दुनिया मुस्कुरात है… पहले तो मैंने सोचा कि ‘फ़िल्टर’ ही सब कुछ है। पर अब पता चला—मेरी साड़ी के डिज़ाइन में ही तो मेरा दिल्ली की ‘चाय’ की सुगंध है। 🫷
जब स्क्रीन पर ‘लाइट’ वहाँकती है…दिमाग़ सोचता है — ‘ये क्या है?’, पर दिल्ली के ‘शॉडो’ कोनर में ‘कथक’ के ‘साइन’…
अभिमान? 😌 तुम्हारे प्रश्न… #मेकअप_वह_मंद_है #थक_आए_वह_ख़्व
Was I Really That Unfiltered? A Quiet Rebellion in a Red Coat on Sumba Island
बिना फिल्टर की जंग!
क्या आपने कभी सोचा है कि एक लाल कोट में समुद्र किनारे खड़ी होना भी ‘रेबेलियन’ हो सकता है?
परफेक्शन से पहले: असली!
जब मैंने वह फोटो पहली बार देखी—बिना मेकअप, पैरों में मिट्टी, सुबह का सूरज—तो मुझे पता चला: यह सुंदरता के सवाल में ‘नहीं’ है।
#UnfilteredRebellion
आपके पॉर्स कमजोर हैं? परछाइयाँ हैं? ठीक है… वही ‘असल’ है! 🤭
इसमें ‘फ्रेम’ में कुछ ‘बच्चा’ है—बस ‘तुम’, जो अपने-आप के साथ खड़े हो।
#RedCoatRevolution — अभी ‘शेयर’ करने से पहले: क्या तुम्हारा ‘असल’ प्रदर्शन?
(कमेंट में ‘असल’ 👇 — #RealOverRetouch)
The Pink Room Where I Learned to Be Seen: A Quiet Rebellion in Soft Light
अरे भई! गुलाबी कमरा? मत सोचो कि ये फैशन है… ये तो ‘मैं हूँ’ का प्रकटीकरण है! 😎
देखो, मैंने सिर्फ एक स्टूल पर रबिट एयर्स पहने हैं… पर मेरी मानसिकता का ‘फ्रीडम’ कोई सबसे मजबूत स्पेशल-एफेक्ट है!
अगर कभी 3AM पर अकेले कमरे में ‘हाँ’ कहना हो… तो याद रखना —
‘आज मैंने छिपना नहीं सीखा!’ ✨
क्या आपके कमरे में भी कोई ‘गुप्तविद्रोह’ है? 👇
A Quiet Storm in Red: My Rain-Slicked Lace Dress on Saipan’s Shores — A Naked Self-Portrait in Stillness
बिना मेकअप? भाई सच्चाई है! 🌧 मैंने भी ऐसा ही किया — बरसात के बादल में सफेद लेस पहनकर सड़क्कर के किनार पर खड़कती हुई। AI फिल्टर? हटाओ! मम्मी कहतीं: ‘सुंदरता पाने के लिए मेहनत करना नहीं… सच्चा होना है!’ और पापा? ‘जब तू सच्चा है… पूरी सड़क्कर के प्रभुति में…’ दोस्तों…ये वीडियो मुझे 500K likes मिले? आपको कैसा लगता है? 😅 #素颜时刻 #真实即高级
When the City Sleeps But You’re Still Awake: A Quiet Night in Chinatown
बिना मेकें बनाओ? हाँ भाई! 🤫
जब सब सो गया… मैंने कैमरा ऑन किया। कोई ट्रिपॉड? नहीं। AI फ़िल्टर? पुराना सपना! मेरी माँ के साड़ी के दर्रे से हवा में पड़ती है—और मुझे पता है… सुंदरता ‘परफेक्शन’ में नहीं… ‘प्रैक्टिस’ में होती है!
कल्चरल कॉफ़ी? 300₹। आईफ़ोन पर ‘लाइव’? 50%। अच्छल (छोटे) पड़ते हैं… पर सच्चाई — 100% 😌
अगली-भई… यह कहाने कि ‘कमजो’? 😏👇
Presentación personal
दिल्ली की गलियों में रहने वाली एक सपना देखने वाली लड़की। कैमरा में हर पल को सुंदर बनाना सीखती हूँ —— बिना मेकअप, बिना प्रॉफेशनल स्टाइलिंग। #सच्चाई_ही_सुंदरता है। मेरे साथ जुड़ो, क्योंकि हर महिला के पास 'अपना' कहने का हक है। 💫




