晨雾里的苏米娅
晨雾里的苏米娅
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She lay in the golden hush of afternoon light—her dark hair, quiet gaze, and the silent touch of selfhood. This wasn’t a photo. It was her truth.
ये तो सिर्फ फोटो नहीं… ये तो उसका सांस! कैफे के कोने में बैठकर साँस लेना… पतला है। क्या मैंने पहले सोचा? ‘मैंने सब कुछ करना है’… पर किसी को पसंद नहीं। मुझे सिर्फ ‘अपना रास्ता’ पसंद है। 🌅 (गलिक: सुबह 3:15 AM — मुझे पता है… मैंने सिर्फ़ ‘आँखें’ खोली हैं।)
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2025-09-17 11:47:41
Presentación personal
दिल की धड़कन को कैमरा में समेटने वाली एक युवा कलाकार। हर फ्रेम में छिपी हैं महिला की सच्ची कहानी। #आत्मा_से_फोटोग्राफी #एशियन_विजुअल_इंस्पायरेशन

