अंक्या सहस्‍‍रांची अनुभूति

अंक्या सहस्‍‍रांची अनुभूति

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चाँद की छाया में भी जाग रही है?

When the City Sleeps, You’re Still Awake: A Quiet Reflection on Beauty, Visibility, and the Weight of Being Seen

ये सब क्या है? फोन पर स्क्रीन चमक रही है… पर कोई ‘लाइक’ नहीं मांगता! मैंने सोचा—असली खूबसियत कभी ‘परफॉर्मेंस’ नहीं होती। सिर्फ़ एक साड़ी के साथ सुबह के 2:17 पर… कोई नहीं देखता। पर मैं हूँ।

आपके पास में क्या है? #जबशहर सोता है…

आपके पुरुष क्यों ‘एव’ है?

(और हाँ… मुझे ‘एव’ मिला— लेकिन ‘लाइक’ नहीं!)

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2025-09-29 13:29:45

Личное представление

"मुंबई की एक शांत लड़की, जिस्मे में बिना कला के साथ। मैं हर दिन की छोटी सुंदरता को कैमरे में पकड़ती हूँ — एक साधारण साड़ी, एक पुराना पेड़, एक हल्की हवा... मेरी कहानी सिर्फ 'देखना' नहीं, 'जुए' के है। मैंने कभी किसी को 'फिल्टर' में बदलने की कोशिश नहीं की — मैंने सिर्फ 'उसका सच्चाप' प्रगटया।"