कविता_सौल_एको
कविता_सौल_एको
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Особистий вступ
मैं कविता, दिल्ली की एक छोटी सी फोटोग्राफर। मैं कैमरे से नहीं, बल्कि महिलाओं के अपने सपनों को देखती हूँ। मेरी तस्वीरें बिना सजावट के, पर सच्चाई से — माँ के हाथ, सुबह के प्रकाश, मेट्रो के कोने। मैं हर छवड़ पर एक प्रश्न पूछती हूँ: 'आपनी सबसे पहली 'मुख' कब हुई?' — क्योंकि हर 'देखना' एक 'अभिमान' है।
